माँ सरस्वती आरती और ध्यान मंत्र


सरस्वती ध्यान मंत्र

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता । या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना । या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता ।  सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

हिंदी अर्थ:

जो हिम के समान शुभ्रवर्णवाली हैं, शुभ्र वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथों में वीणा और वर मुद्रा है, जो श्वेत कमल पर विराजमान हैं, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु, महेश जैसे देवता भी पूजते हैं — वे माँ सरस्वती हमारी जड़ता और अज्ञानता को नष्ट करें। 

"जय सरस्वती माता" आरती देवी सरस्वती को समर्पित एक अत्यंत पूज्य और लोकप्रिय आरती है। माँ सरस्वती विद्या, वाणी, संगीत, कला और ज्ञान की देवी हैं। यह आरती विशेष रूप से बसंत पंचमी, विद्यारंभ संस्कार, और परीक्षा काल में गाई जाती है। आरती में माँ के दिव्य स्वरूप, उनकी करुणा, और भक्तों को ज्ञान व बुद्धि प्रदान करने वाले स्वरूप का सुंदर वर्णन मिलता है। इस आरती के माध्यम से भक्त माँ से विनती करते हैं कि वे अज्ञानता, मोह और तमस् का नाश करें, और सभी को ज्ञान का प्रकाश, वाणी में मधुरता, तथा बुद्धि में प्रखरता प्रदान करें।

🌺 जय सरस्वती माता की आरती 

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।  

सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥


चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।  

सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…


बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।  

शीश मुकुट मणि सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…


देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।  

पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय…


विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।  

मोह, अज्ञान, तिमिर का, जग से नाश करो ॥ जय…


धूप, दीप, फल, मेवा, मां स्वीकार करो।  

ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय…


मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावें।  

हितकारी, सुखकारी, ज्ञान-भक्ति पावें ॥ जय…


ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।  

सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…

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