शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की आरती करने से न केवल धन की प्राप्ति होती है, बल्कि घर में सुख-शांति, ऐश्वर्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। अगर आप नियमित शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा करेंगे तो आपके जीवन में समृद्धि बनी रहेगी।
🔱 शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा क्यों करें?
कारण | विवरण |
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1. ज्योतिष अनुसार शुक्र ग्रह का दिन | शुक्रवार "शुक्र ग्रह" का दिन है, जो विलास, धन, ऐश्वर्य, प्रेम और कला का कारक है। लक्ष्मी जी इन सभी की अधिष्ठात्री देवी हैं। |
2. पारंपरिक मान्यता | शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा करने से धन की वृद्धि, कर्ज से मुक्ति, और सौभाग्य प्राप्त होता है। |
3. सप्ताह का सबसे शुभ दिन | शुक्रवार को घर की सफाई, दीपदान और लक्ष्मी आरती करने से देवी स्थायी रूप से निवास करती हैं। |
श्री लक्ष्मी माता की आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता॥
📿 महालक्ष्मी स्तुति – Doha
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् सुरेश्वरि।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् दयानिधे॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे।
सर्व भूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं॥