🙏 श्री गणेश आरती 🙏

आनन्द के है दाता गजानन आनन्द के दाता ।।2।।
पिता तुम्हारे शिव शंकर हैं ।।2।।
पार्वती है माता गजानन आनन्द के दाता ।।2।।
एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी ।।2।।
माथे सिंदूर सोहे, मूस की सवारी ।।2।।
रिद्धि और सिद्धि के दाता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
अंधन को आंख देत, कोढिन को काया ।।2।।
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ।।2।।
सबकी लाज बचाता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
पान चढ़े फुल चढ़े और चढ़ै मेवा ।।2।।
लड्डूअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ।।2।।
कार्तिक जिनके भ्राता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
दीनन की लाज रखो शम्भू सुत वारी ।।2।।
कामना को पूरा करो जग बलिहारी ।।2।।
बुद्धि और ज्ञान के दाता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा ।।2।।
सर्व कार्य सिद्ध करो जय गणेश देवा ।।2।।
लड्डूअन का भोग लगाते गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
रिद्धि और सिद्धि के दाता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
शुभ और लाभ के दाता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
कार्तिक जिनके भ्राता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
आनन्द के है दाता गजानन, आनन्द के दाता ।।2।।
🚩 बोलो गणपति बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया 🚩