Kaal Bhairav Ashtakam in Sanskrit काल भैरव स्तोत्रम्

 Kaal Bhairav Ashtakam in Sanskrit


श्लोक 1

देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं, 

व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ।

नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं, 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥1॥

👉 हिन्दी अर्थ:
देवताओं और योगियों द्वारा पूजित, दिगम्बर रूपधारी, करुणामयी कृपालु भगवान कालभैरव को मैं नमस्कार करता हूँ।


श्लोक 2

भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं, 

नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।

कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं, 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥2॥

👉 हिन्दी अर्थ:
करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी, भवसागर से तारने वाले, त्रिलोचन, नीलकण्ठ, इच्छित फल देने वाले प्रभु कालभैरव को नमन।


श्लोक 3

शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं, 

श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।

भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं, 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥3॥

👉 हिन्दी अर्थ:
शूल, पाश और दण्ड धारण करने वाले, श्यामवर्ण, ताण्डवप्रिय, भीम विक्रमी, अष्टसिद्धि देने वाले और कपालमाला धारण करने वाले कालभैरव को प्रणाम।


श्लोक 4

भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं, 

भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।

विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं, 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥4॥

👉 हिन्दी अर्थ:
भक्ति और मोक्ष देने वाले, सुन्दर स्वरूपधारी, नीति के ज्ञाता, पुरातन जगत्पति एवं भक्तवत्सल कालभैरव को नमन।


श्लोक 5

धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं,

कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम् ।

स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं,

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥5॥

👉 हिन्दी अर्थ:
धर्म की रक्षा करने वाले, अधर्म का नाश करने वाले, पापबंधन से मुक्त कराने वाले तथा स्वर्णाभा से शोभित प्रभु कालभैरव को प्रणाम।


श्लोक 6

रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं,

नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् ॥

मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं,

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥6॥

👉 हिन्दी अर्थ:
रत्नपादुकाओं से सुशोभित चरणों वाले, मृत्यु के अहंकार का नाश करने वाले, कराल दंष्ट्रों से पाप का संहार करने वाले कालभैरव को नमन।


श्लोक 7

अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं, 

दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम् ॥

अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं,

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥7॥

👉 हिन्दी अर्थ:
अट्टहास से संपूर्ण जगत् को कंपित करने वाले, दृष्टि से पाप का नाश करने वाले, अष्टसिद्धि देने वाले कपालमालाधारी कालभैरव को प्रणाम।


श्लोक 8

भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं,

काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ॥

नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं ।

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥8॥

👉 हिन्दी अर्थ:
भूतगणों के नायक, अपार यश देने वाले, पाप-पुण्य का शोधन करने वाले, काशीपुराधिनाथ कालभैरव को मैं प्रणाम करता हूँ।


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