माँ सीता द्वारा पार्वती स्तुति

जय जय गिरिबरराज किसोरी — जय महेश मुख चंद चकोरी
जय जय गिरिबरराज किसोरी । जय महेश मुख चंद चकोरी ॥
जय गजबदन षडानन माता । जगत जननि दामिनि दुति गाता ॥

नहिं तव आदि मध्य अवसाना। अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना ॥

भव भव विभव पराभव कारिनि । बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि ॥

पतिदेवता सुतीय महुँ मातु प्रथम तव रेख ॥

महिमा अमित न सकहिं कहि सहस सारदा सेष ॥

सेवत तोहि सुलभ फल चारी । बरदायनी पुरारि पिआरी ॥

देबि पूजि पद कमल तुम्हारे । सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे ॥

मोर मनोरथु जानहु नीकें । बसहु सदा उर पुर सबही कें ॥

कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं । अस कहि चरन गहे बैदेहीं ॥

बिनय प्रेम बस भई भवानी । खसी माल मूरति मुसुकानी ॥

सादर सियँ प्रसाद सिर धरेऊ । बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ ॥

सुनु सिय सत्य असीस हमारी । पूजिहि मनकामना तुम्हारी ॥

नारद बचन सदा सुचि साचा । सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा ॥

मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर साँवरो ॥

करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो ॥

एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय सहित हियँ हरषीं अली ॥

तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली ॥

जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि ॥

मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ॥

भवानीशङ्करौ वन्दे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ ।
याभ्यां विना न पश्यन्ति सिद्धाः स्वान्तःस्थमीश्वरम् ॥

🌸🌺 माँ सीता की कृपा से 🌺🌸