जय गणेश आरती | Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Aarti Lyrics in Hindi

"जय गणेश जय गणेश देवा" आरती भगवान गणेश की प्रसिद्ध स्तुति है, जो श्रद्धा और भक्ति के साथ उनकी पूजा-अर्चना के समय गाई जाती है। इस आरती में भगवान गणेश को बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और विघ्नों को दूर करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। माता पार्वती और भगवान शिव के सुपुत्र श्री गणेश को मोदक प्रिय हैं और वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस आरती का पाठ करने से कार्यों में सफलता, परिवार में सुख-शांति और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।

"Jai Ganesh Jai Ganesh Deva" is a devotional aarti dedicated to Lord Ganesha, the remover of obstacles and the god of wisdom and prosperity. Chanting this aarti during Ganesh puja brings blessings, peace, and success. Lord Ganesha, the beloved son of Lord Shiva and Goddess Parvati, is fond of laddoos (modaks) and is worshipped first in all Hindu rituals.

 

🎵 जय गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।  
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।  
माथे सिंदूर सोहे, मूषक की सवारी॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।  
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े, फल चढ़े, और चढ़े मेवा।  
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।  
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।  
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।  
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।  
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

🛕 भगवान गणेश की जय! 🌸 पार्वती के लल्ला की जय !

आनंद के हैं दाता गजानन, आनंद के दाता ।  

आनंद के हैं दाता गजानन, आनंद के दाता ।।

पिता तुम्हारे शिव शंकर हैं,  

पिता तुम्हारे प्रभु शिव शंकर हैं ।

पार्वती है माता – गजानन आनंद के दाता ।।

दोनों की लाज रखो हरदम, 

दोनो की लाज रखो हरदम ।

संघ में कार्तिक भ्राता – गजानन आनंद के दाता।।

आनंद के हैं दाता गजानन, आनंद के दाता ।  

रिद्धि सिद्धि के स्वामी तुम हो,  

मोदक मन को भाता – गजानन आनंद के दाता।।

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