माँ अन्नपूर्णा की आरती - Maa Annapurna Aarti

अन्नपूर्णा माता आरती | Annapurna Mata Aarti
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🌺 अन्नपूर्णा माता आरती 🌺

माता अन्नपूर्णा को अन्न की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। उनकी कृपा से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

🙏 आरती 🙏

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम।
अर्थ: हे माँ! आपको बार-बार प्रणाम।
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम॥
अर्थ: जो आपको नहीं भजता, उसे शांति कहाँ मिलेगी? अन्नपूर्णा नाम से ही सब कार्य सिद्ध होते हैं।
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम।
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम॥
अर्थ: प्रलय और युगों के बाद भी आपका नाम अमर है, आप ही सबकी सृष्टि करती हैं।
चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारु चक्रधर श्याम।
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम॥
अर्थ: ब्रह्मा, विष्णु और शिव तक आपके चरणों का वंदन करते हैं।
देवी देव! दयनीय दशा में, दया-दया तब नाम।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल, शरण रूप तब धाम॥
अर्थ: हे माँ! संकट के समय दीन दुखियों को शरण और कृपा प्रदान करती हैं।
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या, श्री क्लीं कमला काम।
कांति भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी, वर दे तू निष्काम॥
अर्थ: माँ! आप विद्या, श्रद्धा और शांति प्रदान करने वाली हैं।
॥ माता अन्नपूर्णा की जय ॥
अर्थ: माता अन्नपूर्णा की जय हो।
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