श्री नर्मदा मैया आरती - Shri Narmada Maiya Aarti in hindi

AnandShastri
0

🌊 श्री नर्मदा आरती 🌊

श्री नर्मदा आरती — नर्मदा जी माँ साक्षात् पुण्यदायिनी और मोक्षदायिनी नदी के रूप में पूजनीय हैं। उनकी आरती से मन, तन और आत्मा तीनों शुद्ध होते हैं। नर्मदा जी की आराधना से पापों का क्षय और कल्याण की प्राप्ति होती है।

🕉️ आरती — श्री नर्मदा मैया


ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरि शंकर रुद्रौ पालन्ती।।
ॐ जय जगदानन्दी ॥१॥ देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, शारद पदवाचन्ती।।
ॐ जय जगदानन्दी ॥२॥

देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती।
झुमकत-झुमकत-झुमकत, झननन झमकत रमती राजन्ती।।
ॐ जय जगदानन्दी ॥३॥
देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती।
तोड़ीतान-तोड़ीतान-तोड़ीतान, तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती।।
ॐ जय जगदानन्दी ॥४॥

देवी सकल भुवन पर आप विराजत, निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर तुम भट मेटन्ती।।
ॐ जय जगदानन्दी ॥५॥

मैयाजी को कंचन थार विराजत, अगर कपूर बाती।
अमर कंठ में विराजत, घाटन घाट बिराजत कोटि रतन ज्योति।।
ॐ जय जगदानन्दी ॥६॥

मैयाजी की आरती निशदिन पढ़ गा‍वरि,
हो रेवा जुग-जुग नरगावे।
भजत शिवानन्द स्वामी, जपत हरि नन्द स्वामी मनवांछित पावे।।
ॐ जय जगदानन्दी ॥७॥

📘 भावार्थ (संक्षेप)

यह आरती माँ नर्मदा के दिव्य स्वरूप और कल्याणकारी शक्ति का वर्णन करती है। देवी नर्मदा ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों से युक्त हैं। जो भक्त श्रद्धा से आरती गाते हैं, उन्हें जीवन में शांति, संतोष, और आत्मिक सुख की प्राप्ति होती है।

🔔 प्रयोग का सुझाव

नर्मदा जयन्ती, सोमवार, या किसी भी पवित्र दिन सुबह-शाम दीपक के साथ इस आरती का पाठ करें। यह मनोवांछित फल देती है।

© 2025 Bhakti Path Blog | सर्वाधिकार सुरक्षित
Optimized for SEO • Mobile Friendly • Fast Loading

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

shastrianand701@gmail.com

एक टिप्पणी भेजें (0)
3/related/default