🌊 🌸 🌊 🌸 🌊
🌺 नर्मदा माता आरती 🌺
नर्मदा जी को माँ स्वरूप माना गया है। उनकी आरती करने से जन्म-जन्मान्तर के पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🙏 आरती 🙏
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्रौ पालन्ती॥
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्रौ पालन्ती॥
अर्थ: हे जगत आनंद देने वाली माँ नर्मदा! ब्रह्मा, विष्णु, शिव और रुद्र भी आपकी शरण में रहते हैं।
देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, शारद पदवाचन्ती॥
सुर नर मुनि जन सेवत, शारद पदवाचन्ती॥
अर्थ: माँ! आप नारद और सरस्वती के लिए वरदायिनी हैं, देवता और ऋषि आपकी सेवा करते हैं।
देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती।
झुमकत-झुमकत रमती, झननन झमकत राजन्ती॥
झुमकत-झुमकत रमती, झननन झमकत राजन्ती॥
अर्थ: माँ धूमक वाहन पर विराजमान हैं और वीणा बजा रही हैं।
देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती।
तोड़ीतान-तोड़ीतान, रमती सुरवन्ती॥
तोड़ीतान-तोड़ीतान, रमती सुरवन्ती॥
अर्थ: माँ! आपकी आराधना में ताल-मृदंग बजते हैं और देवगण आनंदित होते हैं।
देवी सकल भुवन पर आप विराजत, निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर भट मेटन्ती॥
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर भट मेटन्ती॥
अर्थ: माँ! आप पूरे संसार पर विराजमान हैं, गंगा और शंकर भी आपकी स्तुति करते हैं।
मैयाजी को कंचन थार विराजत, अगर कपूर बाती।
अमर कंठ में विराजत, घाटन घाट बिराजत, कोटि रतन ज्योति॥
अमर कंठ में विराजत, घाटन घाट बिराजत, कोटि रतन ज्योति॥
अर्थ: माँ के सामने स्वर्ण थाल में दीप जलते हैं और उनके घाटों पर अपार ज्योति फैली है।
मैयाजी की आरती, निशदिन पढ़ गावरि।
हो रेवा जुग-जुग नरगावे, भजत शिवानन्द स्वामी, जपत हरि नंद स्वामी मनवांछित पावे॥
हो रेवा जुग-जुग नरगावे, भजत शिवानन्द स्वामी, जपत हरि नंद स्वामी मनवांछित पावे॥
अर्थ: जो भी भक्त प्रतिदिन माँ नर्मदा की आरती करता है, उसे मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
🌊 🌸 🌊 🌸 🌊