🚩 द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग यात्रा 🚩
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
प्रभास पाटन (गुजरात)
चन्द्रदेव ने यहाँ तप करके शिवजी को प्रसन्न किया था। चन्द्र का एक नाम “सोम” होने से इसे सोमनाथ कहा गया।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश)
यहाँ शिव और पार्वती दोनों ज्योति रूप में विराजमान हैं। दर्शन से अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
उज्जैन (मध्यप्रदेश)
यह दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। भस्म आरती यहाँ की प्रसिद्ध परंपरा है। पूजा से भय और बाधाएँ दूर होती हैं।
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
मांधाता द्वीप (मध्यप्रदेश)
यह शिवलिंग “ॐ” के आकार का है, इसीलिए इसे ओंकारेश्वर कहा जाता है।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड)
महाभारत काल में शिवजी ने पांडवों को बैल रूप में दर्शन दिए। वर्तमान मंदिर आदि शंकराचार्य द्वारा पुनर्निर्मित है।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
खेड तालुका (पुणे, महाराष्ट्र)
कुंभकर्ण का पुत्र भीम यहाँ तप कर शिवजी को प्रसन्न किया था। शिव ने दैत्यों से देवताओं की रक्षा की।
7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
वाराणसी (उत्तरप्रदेश)
यहाँ मृत्यु होने पर मोक्ष प्राप्त होता है। भगवान विष्णु और अन्य देवता यहाँ पूजन करते हैं।
8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
नासिक (महाराष्ट्र)
यहाँ ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों की पूजा एक साथ होती है। गौतम ऋषि की तपस्या से शिवजी प्रकट हुए थे।
9. वैद्यनाथ (बैजनाथ) ज्योतिर्लिंग
देवघर (झारखंड)
रावण की तपस्या से शिवजी प्रसन्न हुए। यह रोग निवारण और मनोकामना पूर्ण करने वाला लिंग है।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
द्वारका (गुजरात)
शिवपुराण में “नागेशं दारुकावने” यही स्थान बताया गया है। शिव यहाँ नागों के ईश्वर रूप में पूजित हैं।
11. रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग
रामेश्वरम द्वीप (तमिलनाडु)
श्रीराम ने यहाँ बालू से शिवलिंग बनाकर पूजा की थी। वही शिवलिंग आज रामेश्वरम कहलाता है।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
औरंगाबाद (महाराष्ट्र)
भक्त घुष्मा की भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी यहाँ प्रकट हुए। यह संतान सुख और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

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