अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती (Maa Durga Maa Kali Aarti)

अम्बे तू है जगदम्बे काली | Maa Durga Aarti with Meaning

🌺 अम्बे तू है जगदम्बे काली 🌺

माँ दुर्गा की साप्ताहिक आरती, नवरात्रि, अष्टमी, माता की चौकी एवं जगराते में सबसे अधिक गाई जाने वाली आरती। इसे पढ़ने से भक्तों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है।

🙏 आरती 🙏

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अर्थ: हे माँ दुर्गा, आप जगत की जननी और काली हैं। आपकी शक्ति और गुणों का गुणगान हम सभी करते हैं और आपकी आरती गाते हैं।
तेरे भक्त जनो पर,
भीर पडी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अर्थ: माँ, आपके भक्तों पर आपका करुणामय ध्यान है। आप दुष्टों को तुरंत नष्ट करती हैं और अष्ट भुजाओं से सुसज्जित होकर सभी बुराइयों को हरती हैं।
माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत - कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अर्थ: हे माँ, आप अपने भक्तों से माँ की तरह प्रेम करती हैं। आप सबके दुःख हरती हैं और अमृत समान कृपा बरसाती हैं।
नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अर्थ: माँ, हम आपसे सिर्फ आपका आशीर्वाद चाहते हैं, धन या दौलत नहीं। आप सबकी कठिनाइयों को दूर करती हैं और सत्प्रवृत्त लोगों की मदद करती हैं।
चरण शरण मे खडे तुम्हारी,
ले पूजा की थाली ।
वरद हस्त सर पर रख दो,
मॉ सकंट हरने वाली ।
मॉ भर दो भक्ति रस प्याली,
अष्ट भुजाओ वाली,
भक्तो के कारज तू ही सारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अर्थ: हे माँ, हम आपके चरणों में खड़े होकर पूजा करते हैं। आप अपने वरद हस्त से संकट दूर करती हैं और भक्तों के कार्य पूरे करती हैं।

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