🔱 श्री नवग्रह आरती | Aarti - Shri Navagraha (हिन्दी) 🔱
श्री नवग्रह आरती — नवग्रहों की आराधना से बाधाएँ, कष्ट तथा रोगों का नाश होता है। यह आरती ग्रह-शांतिवारक एवं मंगलकारी फल देती है। घर में नियमित विधिपूर्वक आरती-अर्चना करने से जीवन में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़ती है।
(नीचे आरती के पद हिन्दी में दिए गए हैं — आप इन्हें भी उपयोग कर सकते हैं)
🕉️ श्री नवग्रह आरती (हिन्दी)
आरती श्री नवग्रहों की कीजै । बाध, कष्ट, रोग, हर लीजै ।।
सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर । जाकी कृपा कबहुत नहिं छीजै ।।
रूप चंद्र शीतलता लायें । शांति स्नेह सरस रसु भीजै ।।
मंगल हरे अमंगल सारा । सौम्य सुधा रस अमृत पीजै ।।
बुध सदा वैभव यश लाए । सुख सम्पति लक्ष्मी पसीजै ।।
विद्या बुद्धि ज्ञान गुरु से ले लो । प्रगति सदा मानव पै रीझे।।
शुक्र तर्क विज्ञान बढावै । देश धर्म सेवा यश लीजे ।।
न्यायधीश शनि अति ज्यारे । जप तप श्रद्धा शनि को दीजै ।।
राहु मन का भरम हरावे । साथ न कबहु कुकर्म न दीजै ।।
स्वास्थ्य उत्तम केतु राखै । पराधीनता मनहित खीजै ।।
🌺 ॥ आरती सम्पूर्ण ॥
📘 संक्षेप भावार्थ
यह आरती नवग्रहों—सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु—की महिमा और उनकी कृपा का आह्वान करती है। ग्रहों की अनुकूलता से जीवन में तेज, शांति, वैभव, विद्या, स्वास्थ्य तथा समृद्धि आती है। जिन समस्याओं और बाधाओं का कारण ग्रह दोष हो, उनकी शान्ति के लिए इस आरती का नियमित पाठ लाभकारी माना गया है।
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